Saturday, June 23, 2012

दोनों हँस रहें हैं ;उदास केवल मै हूँ

आज  २३ जून है  राज (बब्बर ) का जन्म दिन .हम फिर भी उदास है .आज मेरे बच्चों ने बताया कि काका भाई (राजेश खन्ना की तबियत ज्यादा ही बिगड गयी ,उन्हें अस्पताल ले जाया गया है .अभी कल मैंने डिम्पल जी से बात किया उन्होंने कहा घबराने की कोइ बात नहीं सब ठीक है .लेकिन जब दुबारा अस्पताल जाने की बात हुई तो मै थोड़ा विचलित हुआ .मैंने राज को फोन किया जन्मदिन की बधाई देने के लिए ,राज ने सबसे पहले काका का जिक्र किया ,कहा कि हालत बहुत खराब है बात कर लो .मैंने बात किया जो खबर हमें मिली वह दुखी करनेवाली थी मैंने नरेश जी को कहा कि आप हमें बताते रहिएगा .
मै नास्तेलिगिया में चला गया .एक दिन का वाकया है राज ने हमसे कहा कि यार कल संसद में में हमें बोलना है थोड़ी देर के लिए आ जाओ
कुछ बात कर लिया जाय .हमने कहा ठीक है और मै
रात में आता हूँ ,और रात की शुरुआत अभी शुरू ही हुई थी कि राज का सचिव भागा भागा कमरे में दाखिल हुआ ,जब कि उसे हिदायत दे दी गयी थी कि किसी का भी फोन हो देना मत .राज ने गुस्से से उसकी तरफ देखा .उसने कहा ..साहब काका का फोन है गाली दे रहें हैं .इतना सुनना था  कि हम दोनों का उतर गया .राज ने कहा तुम्ही बात करो ...मैंने फोन पकड़ा .. उधर से आवाज आई ' लीजिए साहिब इससे बात करिये और उन्होंने फोन का चोंगा मेरी नवासी यानी मेरी बेटी की बेटी अनुष्का के मुह के पास लगा दिया .उन दिनों वह बहुत छोटी थी रो रही थी .मै समझ गया कि मामला गंभीर है .मैंने राज से कहा प्यारे मुझे पहुचाओ .उस समय तक राज का ड्राइबर जा चुका था ,राज ने कहा मै तुम्हे उनके घर तक पहुचा दूंगा लेकिन मै अंदर नहीं जाऊंगा .और हम लोधी रोड उनके मकान पर आ गए . काका भाई के घर पर भाग दौड़ देख कर मै हैरान रह गया .मेरी बेटी , उसके जेठ अवधेश जी ,उनके कालेज के दो अध्यापक काका के बैठक में ,और मेरी बेटी की बेटी अनुष्का काका भाई के गोद में ..काका भाए ने एक भी शब्द नहीं बोला बस इतना कि 'साहिब हमें तो बता देते आज आप हमारे साथ नहीं रहेंगे '  मै काका भाई को जानता था ..सफाई देना मतलब फसना ..'सारी' कह कर मै गिलास बनाने लगा .'गिलास ' काका भाई की सबसे बड़ी कमजोरी रही है और आज मै उन लोंगो में नहीं हूँ जो यह कहें कि इस गिलास ने काका भाई को कमजोर किया है .(इसका माकूल जवाब मोटू ने दिया -..'लोग इनको चेहों को परदे पर देखते हैं ,इन्हें हीरो बनाते हैं ,लेकिन यह भी आम आदमी हैं कम लोग जानते हैं ,इसके निर्वहन के लिए इन्हें कितनी कीमत चुकानी पडती है तुम क्या जानो '...) काका भाई गिलास के साथ ज्यादा सही होते थे आज मै दावे के साथ कह सकता हूँ .बहार हाल मेहमान लोग खाना खाए ,हम विदा हुए तब हमें मालुम हुआ कि मेरी बेटी को मेरे घर से लेने काका भाई खुद गए थे क्यों कि उसी रात डिम्पल जी दिल्ली आरही थी और काका का ड्राइवर डिम्पल जी को लेने एयर पोर्ट  गया हुआ था .
      मजेदार घटना मेरे आवास के सामने हुई .मेरे आवास के सामने बरात घर था .उस दिन किसी की शादी थी और बरात वह्व्वं पर पहुची थी जब बगैर किसी कार्य क्रम के मेरी बेटी हमारे आवास पर पहुची थी ,वहाँ ताला देख कर उसने काका को फोन किया था .काका जब  उन सब को उठाने वहाँ पहुंचे तो भीड़ ने उन्हें घेर लिया किसी तरह बच बचा कर हमारे बच्चों ko लेकर घर पहुचे थे ...मै इस लिए याद कर रहा ..अगर वे चाहते तो फोन नहीं उठा सकते थे ..मै वहाँ नहीं हूँ यह बोल सकते थे ..लेकिन ... यह है काका भाई ,,सच बताऊँ मै राज को जानता हूँ आज उसका जन्म दिन है आज वह वह उस तरह से खिला खिला नहीं है जसे पिछले साल था .....


1 comment:

  1. ise padhane ke baad koi comment nahi diya ja sakta ............ek aisa rishta jiski mazbooti ko maatr mahsoos kiya ja sakta hai........

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