Saturday, June 2, 2012

अलेक्स मेनन  एक  कलेटटर है
छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल प्रभावित 'सुकमा' को नया जिला बनाया है .अलेक्स पौल मेनन इसके जिलाधिकारी बन कर गए .एक दिन जब अलेक्स एक गाँव में बैठ कर गाँव की समस्या सुन रहें थे ,उसी समय माओवादियों ने उनका अपहरण कर लिया .तेरह दिन तक वह जिलाधिकारी माओवादियों के कब्जे में रहा .अभी छूते हैं .यह देश की बड़ी खबर थी .लेकिन मीडिया के लिए इसमें 'बिकने की गुंजाइश ' कम दिखी इसी लिए समूची खबर हासिये से बाहर चली गयी ( द हिन्दू 'और 'प्रभात खबर ' छोड़ कर ) यह पोस्ट मै अपने दोस्त अजित अंजुम .ज्ञानेश पांडे और अरविन्द सिंह के नाम कर रहा हूँ .इस आशय के साथ की "खबर' कभी नहीं मरती .'बयान' मरता है ,घटना मरती है ,..... अलेक्स मेनन 'खबर है '
      अलेक्स जिले का सबसे बड़ा अधिकारी है ,वह तमाम ताम झाम छोड़ कर अकेले गाँव में क्यों गया ,जब किउसे मालुम है की यह माओवादियों का घर ही नहीं गढ़ है यहाँ अलेक्स की मनसा साफ़ है -संवाद बनाओ ' और बगैर संवाद के किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता .इस कलेत्तर ने 'सरकारी हिंसा' छोड़ कर ,व्यक्तिगत पुरुषार्थ को चुना और अकेला निकल पड़ा .तेरह दिन बाद जब अलेक्स बाहर आता है तो उसकी पहली प्रतिक्रया होती है -उनकी कुछ समस्याएं है ,उसे सुलझाना हमारी प्राथमिकता है .अलेक्स के इस बयान को रमण सरकार ने भले ही गंभीरता से न लिया हो लेकिन केन्द्र सरकार ने अलेक्स को ऊपर उठाकर सीधे संवाद कायम करने की सोची .इसके लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जयराम  रमेश जिन्हें उनके जाननेवाले लोग जानते हैं की रमेश एक आदर्शवादी और बेबाक  व्यक्ति हैं खुद इस पहल में शामिल हुए और सुकमा पहुच गए .मजे की बात देखिये आजादी के साठ साल में जिन मुद्दों पर चर्चा तक नहीं हुई थी वह हाथो हाथ निपटा लिया गया .
     अलेक्स ने जयराम रमेश से कहा की अगर हम कुछ काम करलें तो माओवाद के बढते प्रभाव को रोक सकते है .जय राम रमेश खुल कर सामने आये .आश्वासन नहीं दिया बल्की वहीं बैठे बैठे नतीजा भी देते गए .इसके लिए अलेक्स ने पूरे जिले से तमाम चुने हुए गाँव प्रतिनिधियों को पहले से ही बुला रखा था .उनकी  मौजूदगी में सारे फैसले हुए .अलेक्स ने पहली मांग रखी-सुकमा से कोंताब्लाक तक ८० किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण जिसपर अमूमन १६० करोड़ कालागत आएगा और कोंट  इस हाइवे के चलते पदेश और देश के अन्य भाग से जुड जायगा .रमेश ने ओनी निजी पहल पर केन्द्रीय सड़क मंत्री पी. सी. जोशी से बात की (वहीं से और सबके सामने ) सड़क बनने का एलान होगया .और विकेन्द्री व्यवस्था से ,इसका ठेका किसी एक ठेकेदार को न देकर छोटे छोटे टुकड़ों में कर के लोकल लोंगो को शामिल करने की बात तय हो गयी .इसके अलावाजी और जरूरी जरूरियात के मुद्डून पर काम करने का एलान हुआ उसमे पीने का पानी का इंतजाम ,ग्राम पंचायतो कानिर्माण ,सवाद के लिए टावेर का शुरू करना शामिल रहा .इतना ही नहीं रमेश ने सुकमा के युवकों और चुने हुए प्रतिनिधियों को सरकारी खर्च पर केरला और सिक्किम के पंचायती राज को देखने समझने के लिए आमंत्रित किया . इस तरह एक कलेत्तर अलेक्स ने एक बुनियाद रखी .

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