Saturday, January 26, 2013

गांधी की जरूरत ......अब ?
गणतंत्र के पूर्वसंध्या पर तीन चार जबानी जमा खर्च हुए . देश के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे का बयान कि संघ आतंकवादी संगठन है . ... इस बयान पर भाजपा का ऐलान कि वह संसद को नहीं चलने देगी .कांग्रेस ने अपने आपको शिंदे के बयान से अलग कर लिया . ठीक ऐनवक्त पर संघ  से जुड़ी एक देवी जी प्रभा शर्मा ने फेस बुक पर नाथूराम गोडसे द्वारा बापू की की गयी ह्त्या को जायज ठहराते हुए गोडसे की तारीफ़ की गयी है .(गो कि जब यह मामला संघी घराने के पास जाय गा तो वह साफ़ साफ़ इनकार कर देंगे कि यह देवी जी संघ से नहीं हैं .प्रज्ञा ठाकुर की तरह ) इसी फेस बुक पर पूजा शुक्ला जी ने एक बेहतरीन पीस दिया है ' स्टेनली वोल्पार्ट ' की उस पुस्तक का अंश जिसमे आजादी के आगमन पर बापू कितने अकेले हो गए थे .
        यहाँ हम सबसे पहले शिंदे के बयान को उठाते हैं .शिंदे ने सही कहा है . उसके लिए कितने सुबूत की जरूरत है ? अगर आतंकवाद की सही परिभाषा परिभाषित कर के देखा जाय . इनका इतिहास आतंक से शुरू होता है . गुरू गोलवरकर की पुस्तक बंच आफ थाट को बाचिये . सीधे सीधे एक कौम दूसरी कौम को  धौंस देती है ,अगर भारत में रहना है तो ......../ आजादी के बाद गांधी की ह्त्या , बाबरी मस्जिद का  गिराना , जैन हवाला के पैसे पर राजनीति करना और वह पैसा जो एक तरफ आतंकियों के पास  जा रहा है दूसरी तरफ अडवानी के पास . गुजरात में मुसलमानों की जघन्य ह्त्या , ( कृपया इसे दंगा  न कहें , यह इक तरफ़ा हमला रहा है . इसके मंत्री अपराधी बने हैं , कितने सबूत चाहिए . माले गाँव , समझौता एक्सप्रेस हमला , आदि आदि अभी अदालत में है ... /
        कांग्रेस में बैठे वातानुकूलित आफिसर किसी भी तरह के जोखिम से दूर रहना चाहते हैं . इसकी एक वजह है कि उन्हें यह नहीं मालुम कि कांग्रेस दो है एक सरकार और दूसरा संगठन . संगठन को खुल कर शिंदे के साथ आना चाहिए था . /
       आजादी दरवाजे पर खड़ी है . भारत टुकड़े में बट रहा है . साम्प्रदायिक दंगे हो रहें हैं . ह्त्या बलात्कार ,लूट .... गांधी अकेला है . ( इस पर अलग से लिखूंगा ) लेकिन पूजाजी ने जिस पुस्तक का जिक्र किया है उसे पढ़ना चाहिए .इसी विषय पर बापू के सचिव प्यारेलाल की पुस्तक लास्ट फेज आफ महात्मा गांधी ' और डॉ लोहिया की पुस्तक ' गिल्टी मैन आफ इंडियाज पार्टीशन' देखी जा सकती है .

Thursday, January 10, 2013

आज 'शास्त्री जी ' की पुण्यतिथि है .........
............ सोमवार को  भोजन बन्द . यह आदेश नहीं था , एक छोटे कद के बड़े दिलवाले विनम्र प्रधानमंत्री का निवेदन था अपनी देश की जनता के नाम .न कोइ ताम झाम न पर्चा न भोंपू . एक सहज भाषा में कही गयी बात देश ने गाँठ बांध लिया .
   इस एक ' निवेदन ' ने अमेरिका को खुली चुनौती दे दी . खालीपेट रहेंगे लेकिन हाथ नहीं फैलायेंगे . पी यल ४८० ... अमरीकी बाजरा और मक्का गेहूं लेने से इनकार . पाकिस्तान को पसंद आया . भारत की विपत्ति में मौक़ा नहीं चूकना है हमला कर दो . हमला हुआ . शास्त्री ने नारा दिया - जय जवान , जय किसान ' . अदभुत सोच . जवान देश की सीमा सहेजे और किसान देश का सीना मजबूत करे . हम दोनों जगहों पर जीते .  इतिहास में एक और सुनहरा पन्ना जुड़ा . सारी दुनिया हतप्रभ थी . अमरीकी टैंक जो पाकिस्तान को दिए गए थे , भारत के जांबाजों ने उसे खिलौने की तरह तोड़ा . पाकिस्तान झुक गया . उसे रातो रात अपनी राजधानी बदलनी पडी . यह पाकिस्तान की हार ही  नहीं थी पाकिस्तानी अवाम का सीना भी सिकुड़ गया . पाकिस्तान की सरकार अपनी जनता से लगातार झूठ बोले जा रही थी उसका रेडियो ऐलान करता - हम यहाँ जीते , हम वहाँ आगे बढ़ गए , लेकिन जो जमीन पर हो रहा था इसका अंदाजा अवाम ने लगा लिया था . ( इसका एक जिक्र पाकिस्तान के प्रसिद्ध लेखक इन्तजार हुसैन ने अपने उपन्यास ' आगे समंदर  है ' में किया है )
   सोवियत रूस ने बीच बचाव किया , समझौता हुआ . उसी रात शास्त्री जी का दिल का दौड़ा पड़ने से निधन हो गया . इसके पहले दिन दुनिया के सारे अखबारों ने एक फोटो छापे थे . ताशकंद हवाई अड्डे पर अयूब खान और लालबहादुर शास्त्री के . अयूब झुके खड़े हैं और शास्त्री जी ऊपर की ओर तने खड़े हैं . मानवीय संरचना भी कई बार परिस्थिति का का बयान करने लगती हैं . यहाँ भी यही हुआ . अयूब सात फिट से भी बड़ा सैनिक तानाशाह और कहाँ शास्ती जी का कद .
         गरीबी और अभाव से निकले शास्त्री जी गांधी के पक्के अनुयायी थे ,राम नगर ( बनारस के गंगा उसपार ) से पैदल चल कर काशी विद्यापीठ पढ़ने आते थे . गंगा तैर कर इस पार आना ......
आज पूरा राष्ट्र शास्त्री जी को नमन कर रहा है .