Tuesday, February 2, 2016

बतकही / चंचल
पैसा फेंको ,तमाशा देखो
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               'इ भाई बिहार तो कमाल की जगह है , पता नहीं यहाँ की पानी में का सिफत है कि जहां भी हाथ डालेगा ,कुछ न कुछ ' डैमेज ' करके ही छोडेगा . ...कीन अभी शुरू ही हुए थे कि उमर दरजी ने टोक दिया - क्या डैमेज हुआ , उपाध्याय जी ? कीन पलटे , मन ही मन बुदबुदाए ,कीन जानते हैं कि ,उमर जब भी बे वजह अतिरिक्त इज्जत देता है ,तो इसके मतलब उसमे कुछ बदमाशी जरूर है . और ऐसेमे जब से कीन परधानी हारे हैं ,उमार चोट करने से बाज नहीं आता . जिस दिन नतीजा घोषित हुआ , सब को मालुम हो गया कि कौन जीता है कौन हारा है ? लेकिन दूसरे दिन सुबह लाल्साहेब की दूकान पर जहां परधानी के सारे उम्मीदवार एक जगह एक साठ बैठे मिले वहाँ भी उमर दरजी का मुर्हप्पन कम नहीं हुआ . नतीजा जानते हुए कि कीन उपाधिया चुनाव हार गए हैं ,  उमर ने तपाक से कीन को गले लगाया और काफी देर तक चिपका खड़ा रहा - गुरु बधाई !हम माला फूल लाना भूल ही गए ,  इस नतीजे ने तो पुरे गाँव को बचा लिया... वरना कोइ ताकत नहीं कि इस गाँव को डूबने से कोइ रोक पाता .... बहुत अच्छा हुआ .. जो होता है ,अच्छा ही होता है . शपथ कब होगा भाई उपाधय जी ?
          कीन को करेंट लगा . समझ गए कि उमर कहाँ चोट कर रहा है . तुरत अपने को अलग किये , गमछे से मुह पोछे , और लोंगों के मुस्कुराते चेहरे को देखे और चुपचाप बैठ गए ये कहते हुए कि - हम सब जानते हैं उमर , ...... वो नहीं हैं ... .लाल साहेब ने चटकी काटा .- ये किसने कहा कि आप ओ नहीं हैं .. ? आप ओ न  होते तो चुनाव कैसे लड़ते . ई का हो रहा बा भाई ! इहाँ कीन हार गए , डिल्ली में हारे , बिहार ने पतली गली से निकल जाने का रास्ता दिखा ही दिया . सुना है गुरात में लोकल बाड़ी के चुनाव में भी मुह के बल पटखनी खा चुके हैं ,यह हाल है गुजरात माडल का ? अब सुना है कोइ कीर्ती आजाद हैं , उन्होंने बता दिया कि डिल्ली क्रिकेट बोर्ड में बहुत लंबा घपला हुआ है कई सौ करोड डकारे गए हैं ? भिखई मास्टर जो अबतक अखबार देख रहे थे ,उसे सामनेवाले को देते हुए बोले - आज अखबार में है उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया गया है . निकाल दिया ? लखन कहार ने खैनी मलते हुए , मुस्कुराए - का का बताए भाई ? बहुत कुछ बताए ,अब बारी मद्दू पत्रकार की थी - ठेका दिया गया , निर्माण कार्य का . जितने में दिया गया उससे दुगना बढ़ा दिया गया , खरीद फरोख्त में घपला और तो और बीस हजार में मिलनेवाले कम्प्यूटर को सोलह हजार रूपये प्रतिदिन के हिसाब से किराए पर लिया गया . इसी को कीर्ती आजाद ने सबके सामने बोल दिया .
          - तो इसके लिए पार्टी क्यों बौखला गयी ? उन्होंने ये तो कहा नहीं कि पार्टी ने चोरी की है ,तो पार्टी से क्यों निकाला ?कोलाई डूबे का वाजिब सवाल रहा . चिखुरी मुस्कुराए . - हुआ यूँ है कि जिस समय ये घपले हुए उसके सर्वे-सर्वा अपने अरुण जेटली रहे , चोट सीधे अरुण जेटली को लगी ,अरुण जेटली के पास कोइ जवाब तो रहा नहीं ,चुनांचे एक ही रास्ता बचा रहा कि उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाय . उमर दरजी मुस्कुराए - तो एक विकेट और गिरा ?
   अभी देखते जाओ कितने और छटके गें . ये सरकार ही नाबालिगों की फ़ौज लगती है जिसने तोप का मुह अपनी तरफ कर रखा है और कह रहे हैं दुश्मनों को सफा करके ही दम लेंगे .
कीन से नहीं रहा गया ,अपनी हार भूल गए ,लगे अपने सरकार की तरफ से बोलने - यह सब कांग्रेस का खेल है . आप कीर्ती आजाद को नहीं जानते ? लेकिन उमर से नहीं रहा गया - कीन ! ऐसा बोल रहे हो जैसे कीर्ती आजाद नहीं भये , सनलाईट साबुन हो गए है ? मजाक नहीं , सुनो जो बोल रहा हूँ , कीर्ती आजाद  कांग्रेस के रहे भागवत आजाद उनके लड़के हैं ,वह खून का असर तो जायगा नहीं और फिर बिहारी . कोलाई डूबे ने टोका - इसमें बिहारी का मतलब ? कीन संजीदा हो गए - बिहार ने कम किया है , देश दुनिया में भाजपा की ऐसी की तैसी करके रख दी . पहले यशवंत सिन्हा फिर शत्रुघ्न सिन्हा , अब कीर्ती आजाद . एक एक करके सब पैतरा बदल रहे हैं .और यह सब कांग्रेस के इशारे पर हो रहा है .   चिखुरी जोर का ठहाका लगाए - सुन कीन ये सही है ये तीनो ही संघी नहीं हैं . मूलतः ये ये दिल और दिमाग से बड़े लोग हैं संघ की मजबूरी थी कि समाज में चेहरा दिखाने के लिए कुछ ऐसे चमकदार और समझदार लोगों लोंगों को भाजपा में लाया जाय . यशवंत सिन्हा चंद्रशेखर के साथी हैं , शत्रुघ्न जे पी से प्रभावित रहे हैं , कीर्ती आजाद का सुन ही रहे हो . तुम्हारे पास जो अपने लोग हैं उनके बारे में मुह मत खुलवाओ . कोइ किसी से कम नहीं . इत्ते में नवल उपाधिया नयी खबर लेकर नमूदार हुए - कुछ सुना पंचो ! देश के खनन मंत्री ने क्या खोदा ? एक गाड़ी होती है फार्चून . बीस लाख के ऊपर की है . वह खरीदी गयी थी उड़ीसा के जंगलों को देखने के लिए , उसेमंत्री जी लेकर घूम रहे हैं डिल्ली में ...... गोलमाल .. गोलमाल है सब गोलमाल है ... रुके नहीं , गाते हुए आगे बढ़ गए .... 

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