Tuesday, February 2, 2016

चिखुरी / चंचल
कहाँ रखे थे ,ये लाखैरे
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     तीब्र गति , और उमर दरजी की माने तो बुलेट ट्रेन की स्पीड से नवल उपाधिया आते दिखाई दिये . पूरा भार साइकिल की हैंडिल पर ,दोनों गोलार्ध जो सीट पर रहता है वह ऊपर उठा हुआ , भरपूर गति से साइकिल लाल साहेब की दूकान पर  आयी . जोर का ब्रेक लगा तो कयूम मियाँ थोड़ा चिहुंक कर खसक गए , उन्हें लगा कि अब नवल साइकिल समेत ऊपर आ गिरेगा . बहरहाल ब्रेक लगा और नवल कूद कर लाल साहेब की दूकान पर ,भरी महफ़िल के सामने आकर खड़े हो गए .लोंगो को मालुम है कि  नवल ऐसी हरकत तब करते हैं जब कोइ नायाब ' मसाला ' उनके खीसे में रहता है और मुह के रास्ते बाहर आना चाहता है . चुनांचे लोग चुप हो जाते हैं और नवल के लिए मौक़ा दे दिया जाता है . भिखई मास्टर ने यह ताड़ लिया और उंगली के इशारे से उकसाया - बोलिए नवल जी कुछ खास ? नवल ने आँख गोल की . फिर पूरी संसद को देखा . एक चिखुरी को छोड़ कर बाद बाकी सब नवल से मुखातिब रहे . नवल अखबार में धंसे पड़े रहे . नवल ने मंडल को बगल खिस्काय्सा और बेंच पर बैठ गए . - देखिये मास्स साब ! हम वक्त के पहले पैदा हो गए रहे ....कयूम को मौक़ा मिल गया ,धीरे से फुसफुसाए - पैदा कहाँ भये रहे ? खींच तान के बाहर निकालना पड़ा था ... नवल चूक गए - देखो चचा ! मामला गंभीर है मजाक मत करो सुनो - हम इस लिए जे कह रहे हैं कि अगर आज का ज़माना रहा होता होता तो हम मिडिल स्कूल न फेल भये रहते . गणित औ नागरिक शास्त्र दोनों में इकट्ठे फेल हो गए थे .गणित तो गणित रहा नागरिक शास्त्र में एक विषय पर निबंध लिखना था लिखह भी मुला फेल . काहे से कि हमने सही लिखा था कापी जांचने वाला अगर लोकल रहा होता तो पास भी हो जाते लेकिन वो गैर जिले का जांचनेवाला था ,गधे ने फेल कर दिया . लखन कहार ने पूछा किस विषय पर निबंध लिखा था ? नवल ने विस्तार से बताना शुरू किया - सवाल था आजादी का अर्थ बताओ और देश ने किस तरह से आजादी हासिल किया . बस  इतना .सच्ची बताऊँ , आजादी का होती है अभी दू घंटा पहले तक ना मालुम रहा सो उस वक्त की तो बात ही छोड़िये , हम सीधे उतर गए कि आजादी कैसे मिली और हमने पूरा बिबरन लिख डाला कि देश को आजादी दिलानेवाले हरी उपधिया रहे . आगे आगे हाजो दुबे घोड़ी पे बैठे ,पीछे बलई कहार और हरी उपाधिया होत भिनसार निकल गए नारा लगाते हुए भारत माता की जय , गान्ही बाबा की जय औरतों ने तिलक दिया , गाँव की सरहद तक गाते बजाते पूरा गाँव गया ,तब तो हम बच्चे रहे . पूरे गाँव में चर्चा रही कि हाजो दुबे , हरी उपाधिया औ बलई कहार आहादी लेने जा रहे हैं यही सब लिखा रहा और जे भी लिखा कि कीन उपाधिया क बाप जो कि संघी रहे ,पूरे खेत्ता में अफवाह फैला दिये कि ये तीनो जेल चले गए हैं बहादुर अंग्रेज बहादुर से भिडना इत्ता आसान है का ? पर एक दिन आजादी आ गयी . गान्ही चबूतरे पर तिरंगा फहरा पर ये तीनो महीने भर बाद वापस आये . यही लिखा रहा . फिर भी फेल . लेकिन अभी तक नहीं समझ पाए रहे कि आजादी होती का है . अभी डू घंटा पहले पता चला कि आजादी का होती है . मद्दू पत्रकार मुस्कुराए - तो लगे हाथ यह भी बता दो कि आजादी होती का है ? नवल उठ कर खड़े हो गए खीसे से एक पर्ची निकाले ,तह को खोला - सुना जाय ! वस्त्र विहीन घूमना ही आजादी है . ब कलम खुद म ला ख . आजादी के बारे में .
- ई मलाख का है भाई ? मद्दू ने जिज्ञासा जाहिर की .
चिखुरी जो अब तक अखबार में धंसे पड़े थे ,अखबार को एक तरफ बढ़ाया - मलाख . ऐसय है जैसे मद्दू . महंथ दुबे से मदु और मदु से मद्दू . मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री हरियाणा . अपने प्रधानमंत्री के पुराने सहयोगी . दोनों जब प्रचारक थे तो रात को दोनों की खिचड़ी पकती थी .मौक़ा मिला तो मुख्यमंत्री बन गए . कह रहे हैं - अगर भारतीय औरतों को आजादी चाहिए तो वे वस्त्रहीन क्यों नहीं घूमती ? ' कह कर चिखुरी मुह घुमा लिए - कोइ मर्यादा नहीं , कोइ सलीका नहीं , औरतों के बारे में ये राय ? लखन कहार ने टुकड़ा जोड़ा - सब उनचास हाथ . एक से बढ़ कर एक हैं . दादरी का देख लो अख़लाक़ को मारा गया , दंगा भड़काने की कोशिश हुयी . बात में पता चला उनका अपना ही विधायक सोम गीत अलीगढ़ में बूचडखाना चलाता है और सरकार से परमीसन माँगा है किउसकी फक्ट्री को एक दिन में पचास हजान जानवर काटने का पमीसन मिले . ये सब जिम्मेदार लोग हैं . उसना मंत्री , उनके सांसद क्या क्या बोल रहे हैं कोइ सुनने वाला नहीं है . कयूम ने एक लंबी सांस ली - बिहार में इनकी हाल बिगड़ी है . पनडुब्बी डूबे चार हाथ , पनडुब्बी क बच्चा बारह हाथ . अब ऊँट पहाड़ के नीचे आया है . इनका जवाब लालू दे रहे हैं . उन्ही की भाषा में . अब घिघी बंध गयी है कहरहे हैं लालू की जमानत खारिज करो और जेल भेजो . यह हमें पिशाच बोल गया. चिखुरी हत्थे से उखड गए - क्यों , कुछ गलत बोला क्या ? गुजरात में जो कुछ भी हुआ देश के माथे पर कलंक है . शाव्राज के जमाने में क्या हो रहा है ? व्यापम के नाम पर पचासों लोग मारे गए हैं . कई हजार लोग जेल में हैं , कई लाख लोगों की जिंदगी खराब हुयी पडी है . नवल ने जुमला जोड़ा - और भी कुछ सुना ? बापू , अम्बेडकर , वगैरह की तस्वीर खरीदी गयी . ग्यारह रूपये की फोटो तेरह सौ तिरपन के हिसाब से खरीदी दिखाई गयी . चलो बच्चू ! बिहार जवाब देगा . और नवल गाते हुए चलता बने - तोर बोलिया सुने कोतवाल तूती बोलेला ..... 

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