Wednesday, June 24, 2015

कल २५ जून को वीपी सिंह का जन्म दिन है .भाई संदीप वर्मा ने लखनऊ प्रेस क्लब में कार्यक्रम रखा है . समय रहता तो जरूर भाग लेता और डंके की चोट पर कहता कि वीपी सिंह को वीपी बनाने में हम भी शामिल रहे . यकीन न हो तो भाई विभूति नारायण राय ( बड़े पुलिस अधिकारी , और उस समय इलाहाबाद में ही तैनात रहे ) संतोष भारती , डीपी त्रिपाठी या भाई रमेश दीक्षित से दरियाफ्त कर लीजिए . इतनी सफाई इस लिए दे रहा हूँ कि अब समाजवादी भी हमसे चिहुंकने लगा है कहेगा - झूठ पकड़ा गया ' . वीपी से हम चिढते रहे . क्यों कि वे कांग्रेसी थे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे . और हम समाजवादी थे . एक दिन वीपी देश के वित्त मंत्री बने प्रधानमंत्री थे राजीव गांधी . किसी बात पर दोनों में अनबन हो गयी और वे सरकार से बाहर कर दिये गए . अचानक वीपी को याद आया कि गुमनामी में  मरने से अच्छा है कोइ खेल किया जाय और वह एक पन्ना खीसे में डाल कर निकल पड़े कि बोफोर्स तोप में दलाली हुयी उसका सबूत हमारे पास है बस विरोधी दलों को एक मसाला मिल गया . और वीपी सिंह एलाहाबाद के चुनाव में उतर गए . संतोष भारती उनके साठ लग लिए . संतोष जी की चौथी दुनिया वीपी सिंह का मुखपत्र बन गया . एक दिन संतोष भारती ने हमे उठाया और लेजाकर वी पी के घर गिरा दिया . यह हमारी पहली मुलाक़ात थी . और हम सीधे किचेन में पहुँच गए , जहां संजय सिंह , संतोष भारती ,योगेश मिश्रा पहले से गिरे पड़े थे . उसमे एक हम भी शामिल हो गए . सबसे पहले हमने यह काम किया कि उनके पुश्तैनी नाचघर जिसका नाम था ऐश महल जहां वी पी सिंह विश्राम करते थे उसपर कागद चिपकवा कर नाम को ढंका . क्यों कि तब तक बाहर नारा लगने लगा था - राजा नहीं फ़कीर है , देश की तकदीर है . सीता जी उनकी धरमपत्नी और उनकी बहन राजा प्रतापगढ़ की पत्नी निहायत ही जीवंत और हंसमुख रही कभी कोइ बोर नहीं होने पाया . जिस दिन नाम करण था उसके दो दिन पहले संजय सिंह ने कहा यार किसी तरह जार्ज साहेब को बुलाओ उनका रहना जरूरी है . जार्ज से बात हुयी किसी तरह आने को राजी हुए गो कि देश के तमाम  गैर कांग्रेसी नेता प्रयाग में कुम्भ लगाए बैठे थे . जार्ज ने जाते समय हमारी चप्पल भी लेते गए , इस पर लिख चुका हूँ .  शाम तक ऐश महल में इन्तजार होता रहा कि अमिताभ बच्चन ने पर्चा भरा कि नहीं . और जब यह तय हो गया कि अमिताभ नहीं आ रहा है उसकी जगह पर शास्त्री के लड़के को कांग्रेस उतार रही है तो ऐश महल में एक नया बखेड़ा शुरू हो गया . वीपी फ़ैल गए कि हम चुनाव ही नहीं लड़ेंगे . यह कैसे सालता इसे कल 

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