Thursday, August 30, 2012

समताघर पुस्तकालय पूरालाल
विकास भवन किताब से चिढता है .....................
कृपया दर्ज करें कि कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक पढाकू जिला जौनपुर में कई उखाड़ते पुस्ताकालयों में एक पुस्ताकालय ऐसा भी है जिसे चूहे पढ़ रहें है जो किताब उन्हें उनके मिजाज के अनुरूप नहीं लगती वे उसे इज्जत के साथ ऐसा कुतरते हैं कि एक एक अक्षर अलग करके रख देते हैं .इसके उपाय के लिए समताघर ने एक जनप्रतिनिधि  सांसद धनञ्जय सिंह से संपर्क साधा तो उन्होंने पुस्तकालय के लिए सांसद निधि से दो कमरों के लिए पांच लाख आवंटित कर दिया .फ़ाइल विकास भवन में आ गयी .यह वाकया दस माह पुराना है .तब से फ़ाइल चल रही है .जिस डीलिंग क्लर्क से यह फ़ाइल शुरू होती है वह एक सामाजिक प्राणी है ,उसने समाज के रश्म के मुताबिक़ एक शूत्र बताया -कुल डेढ़ दो हजार लगेगा सब हो जायगा .समताघर ने कहा ' न देंगे न लेंगे ' बस बात बिगड गयी .हर तीसरे दिन समता घर को कोइ न कोइ कादाज जमा करना पड़ता .जमा करते गए .अन्तः फ़ाइल फूल गयी .इस बीच पता चला कि पी डी साहेब का तबादला हो गया है  नए साहब आ रहें हैं .आगये नए साहब .वो सरकारी जाति के हैं ,सरकार के मुताबिक़ काम करते हैं ,कलेक्टर से बात हुई तो उन्होंने क्लर्क का नाम पूछा हमने कहा छोटा नौकर है मारा जायेगा .कलेक्टर ने कहा मै देखता हूँ .तब से वे देख रहें हैं और मै चूहों को देख रहा हूँ .
पी डी साहेब के सवाल सुनिए जिसे वे लिखित रूप से जानना चाहते थे -  पंजीकरण ?
समताघर ने कागज़ दिखाए ,प्लानिंग कमीशन में समताघर बाकायदा दर्ज है यह भी दिखया गया ,लेकिन चुकी जौनपुर सरकार  चिट् फंड के कागज़ देखने की आदी है उसे अखिल भारतीय  स्तर के कागज़ देखने में दिक्क्कत आती है  सो कहते सुनते मूत मैन हुए .दूसरा सवाल आया गति विधियां बताइये ?
एक एक करके सब लिखित रूप से दिया गया . गाँव में पुस्तक मेला लगा सारे अखबारों में चित्र समेत छापा लेकिन जिस तरह का चित्र उन्हें पसन् नहीं है ,वह नहीं था लिहाजा पुस्ताकालय की खबर ' फलाने लड़की के साथ फुर्र ' के नीचे दब गयी और हुक्मरां पुस्तकालय से महरूम रहें .आख़री सवाल टेढ़ा है - आपके जाति का मामला फस रहा है ?
पुस्तकालय में जाति कहाँ से जोडूं ... किसी के पास कोइ तरकीब हो तो बताए ..वसे एक बात बताऊँ - विकास भवन उस फ़ाइल को अपने ... ले जाय .पुस्तकालय तो बनेगा ही .. देखता हूँ इन चूहों को ........

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