Monday, August 28, 2017

chanchal: chanchal: चिखुरी चिचिआने / चंचलजब पाखण्ड के आतंक स...चिखुरी चिचियाने / चंचल अंदर बलात्कार होता रहा ,हम राम धुन गाते रहे ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------ हम दुनिया के सामने , तीसरी बार नंगा हो रहे हैं . ३० जनवरी १९४८ , जब हमने एक निहत्थे फ़कीर को सरे आम उस समय गोली मार कर ह्त्या कट दी , जब वह राम धुन के साथ लोंगो को सद्भाव से रहने की अपील करने जा रहा था . किस जाहिल सोच ने गोली चलाई थी ? जवाब सब को मालूम है , सारी दुनिया जानती है वह छद्म 'हिन्दू ' सोच . गौर करिए उस अंग्रेज महिला के जवाब को जो उसने एक भातरीय को दिया था . भारतीय नौजवान अपने देश की तारीफ़ में बोल रहा था- हम कितने महान हैं जिस धरती पर बुद्ध और गांधी पौदा हुए हैं . अंग्रेज महिला ने पलटकर पूछा था - इसीलिये तुम महान हो किएक निहत्थे फ़कीर को गोलियों से छलनी कर डाले ? इसका जवाब हम आज तक नही दे पाए हैं . हमे सारी दुनिया के सामने किस सोच ने शर्मिंदा होने को मजबूर किया है ? यह सवाल जब तक नही दे पाओगे , तब तक मेहरबानी करके राष्ट्रप्रेम की बात मत करो लोग तुम पर हँसेंगे . बापू की ह्त्या पर वायसराय की टिप्पणी थी - अगर यह महात्मा गुलाम भारत में मरता तो अंग्रेज अपने उपर लगे कलंक को कभी नही मिटा पाते .एक अन्ग्रेज्की सोच थी और एक ये हिन्दू की सोच ? दूसरी बार हम शर्मिन्दा हुए ६ दिसम्बर १९९२ को जब अयोध्या में बारी मस्जिद गिरा दी गयी .अब तक हम सारी दुनिया में दो बातों के लिए इज्जत पाते थे , एक -हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और दुसरा सबसे बड़ा तर्क की हम दुनिया में सबसे बड़े सद्भावी देश हैं हना हे एक को अपने अपने मजहब में में जीने की खुली आजादी है .६ दिसम्बर ९२ कोक्या हुआ ? एक धर्म की आड़ में कुल डेढ़ लाख की भीड़ अयोध्या में जुटी और उसने दुसरे धर्म के इबादत गाह पर हमला करके उसे ध्वस्त कर दिया .और दुनिया में यह दर्ज हो गया की भारत एक धर्म विशेष का मुल्क है जहां एनी धर्मों को सलीके से जीने की सुविधा नही है . हम इर शर्मिन्दा हुए और किस सोच ने हमे शर्मिन्दा किया ? अगली नस्ल इसका जवाब खोजेगी लेकिन कमबख्त यह पीढ़ी तो नाकारा साबित ही हुयी , किसने हमे सोच के आधार पर बधिया किया है ? तीसरी बार पंचकुला ने हमे लबे सडक नंगा कर दिया और हम बेबस होकर इधर उधर झाँक रहे हैं . बलात्कार एक बीमारी है कुछ शीत देशों को छोड़ दिया जाय तो यह बीमारी कमोबेश हर मुल्क में है , हर मुल्क के पास इसका इलाज भी है , बीमार को सजा मिलती है बगैर किसी भेद भाव के . रंग . नस्ल. धन. वोह्दा , रूतबा नके यहाँ कोइ मायने नही रखता , न्याय सब केलिए बराबर है . लेकिन कल पंचकुला की घटना ने हमे नये सिरे से शर्मिन्दा किया है . जब शबे की सरकार और खुद केंद्र की सरकार चाँद वोटो केलिए अपने जमीर का ही सौदा कर ले , यह कल उघार हो गया जब बलात्कार का अपराधी जगमीत न्यायालय में अप्राधिघोषित हुआ तो पहली बार जगमीत राम र हीम को लगा की कल तक हम जिन अबोध भोली भाली जनता को छल कर उसे लूट रहे थे , उसका तन, मन और धन आज वो खुद लुट गया है ,जिसने उससे वायदा किया था . इन अपराधों से मुक्त कराने के लिए वे खुद जनता की अदालत में अपराधी बने खड़े हैं .कल हरियाणा और केंद्र का नेतृत्व बिलकुल नंगा हो गया जब जगमीत की बेटी ने खुले आम यह रहस्य खोल दिया की भाजपा और पापा से जो डील हुआ था की तुम हमे वोट दो हम तुम्हे बलात्कार समेत जितने भी जुर्म हैं उनसे बरी करा देंगे .यह दुनिया की पहली बदचलन सरकार है जो काठ की कुर्सी के लिए तमाम जरायम पेशे को अख्तियार किये बैठी है और एक धर्म की आड़ में दुहाई देगी हिन्दू होने की . हिन्दू सभ्यता का सबसे बड़ा कातिल अगर कोइ है तो वो ये ही हैं . अभी और लिखते लेकिन चिखुरी उठ गये , मद्दू पत्रकार एक नई खबर लाये है . आश्रम में दोलाख की एक गाडी अभी जला दी गयी है

chanchal: chanchal: चिखुरी चिचिआने / चंचलजब पाखण्ड के आतंक स...: chanchal: चिखुरी चिचिआने / चंचल जब पाखण्ड के आतंक से समाज न ... : चिखुरी चिचिआने / चंचल जब पाखण्ड के आतंक से समाज न  जूझ पाए ------------...चिखुरी चिचियाने / चंचल

 अंदर बलात्कार होता रहा ,हम राम धुन गाते रहे

------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

हम दुनिया के सामने , तीसरी बार नंगा हो रहे हैं .

३० जनवरी १९४८ , जब हमने एक निहत्थे फ़कीर को सरे आम उस समय गोली मार कर  ह्त्या कट दी , जब वह राम धुन के साथ लोंगो को सद्भाव से रहने की अपील करने जा रहा था .

किस जाहिल सोच ने गोली चलाई थी ?

जवाब सब को मालूम है , सारी दुनिया जानती है वह छद्म 'हिन्दू ' सोच . गौर करिए उस अंग्रेज महिला के जवाब को जो उसने एक भातरीय को दिया था . भारतीय नौजवान अपने देश की तारीफ़ में बोल रहा था- हम कितने महान हैं जिस धरती पर बुद्ध और गांधी  पौदा हुए हैं . अंग्रेज महिला ने पलटकर पूछा था - इसीलिये तुम महान हो किएक निहत्थे फ़कीर को गोलियों से छलनी कर डाले ? इसका जवाब हम आज तक नही दे पाए हैं . हमे सारी दुनिया के सामने किस सोच ने शर्मिंदा होने को मजबूर किया है ? यह सवाल जब तक नही दे पाओगे , तब तक मेहरबानी करके राष्ट्रप्रेम की बात मत करो लोग तुम पर हँसेंगे . बापू की ह्त्या पर वायसराय की टिप्पणी थी - अगर यह महात्मा गुलाम भारत में मरता तो अंग्रेज अपने उपर लगे कलंक को कभी नही मिटा पाते .एक अन्ग्रेज्की सोच थी और एक ये हिन्दू की सोच ?

दूसरी बार हम शर्मिन्दा हुए ६ दिसम्बर १९९२ को जब अयोध्या में बारी मस्जिद गिरा दी गयी .अब तक हम सारी  दुनिया में दो बातों के लिए इज्जत पाते थे , एक -हम दुनिया के सबसे बड़े

लोकतंत्र हैं और दुसरा सबसे बड़ा तर्क की हम दुनिया में सबसे बड़े सद्भावी देश हैं हना हे एक को अपने अपने मजहब में में जीने की खुली आजादी है .६ दिसम्बर ९२ कोक्या हुआ ? एक धर्म की आड़ में कुल डेढ़ लाख की भीड़ अयोध्या में जुटी और उसने दुसरे धर्म के इबादत गाह पर हमला करके उसे ध्वस्त कर दिया .और दुनिया में यह दर्ज हो गया की भारत एक धर्म विशेष का मुल्क है जहां एनी धर्मों को सलीके से जीने की सुविधा नही है . हम इर शर्मिन्दा हुए और किस सोच ने हमे शर्मिन्दा किया ? अगली नस्ल इसका जवाब खोजेगी लेकिन कमबख्त यह पीढ़ी तो नाकारा साबित ही हुयी , किसने हमे सोच के आधार पर बधिया किया है ?

तीसरी बार पंचकुला ने हमे लबे सडक नंगा कर दिया और हम बेबस होकर इधर उधर झाँक रहे हैं . बलात्कार एक बीमारी है कुछ शीत देशों को छोड़ दिया जाय तो यह बीमारी कमोबेश हर मुल्क में है , हर मुल्क के पास इसका इलाज भी है , बीमार को सजा मिलती है बगैर किसी भेद भाव के . रंग . नस्ल. धन. वोह्दा , रूतबा नके यहाँ कोइ मायने नही रखता , न्याय सब केलिए बराबर है . लेकिन कल पंचकुला की घटना ने हमे नये सिरे से शर्मिन्दा किया है . जब शबे की सरकार और खुद केंद्र की सरकार चाँद वोटो केलिए अपने जमीर का ही सौदा कर ले , यह कल उघार हो गया जब बलात्कार का अपराधी जगमीत न्यायालय में अप्राधिघोषित हुआ तो पहली बार जगमीत राम र हीम को लगा की कल तक हम जिन अबोध भोली भाली जनता को छल कर उसे लूट रहे थे , उसका तन, मन और धन आज वो खुद लुट गया है ,जिसने उससे वायदा किया था . इन अपराधों से मुक्त कराने के लिए वे खुद जनता की अदालत में अपराधी बने खड़े हैं .कल हरियाणा और केंद्र का नेतृत्व बिलकुल नंगा हो गया जब जगमीत की बेटी ने खुले आम यह रहस्य खोल दिया की भाजपा और पापा से जो डील हुआ था की तुम हमे वोट दो हम तुम्हे बलात्कार समेत जितने भी जुर्म हैं उनसे बरी करा देंगे .यह दुनिया की पहली बदचलन सरकार है जो काठ की कुर्सी के लिए तमाम जरायम पेशे को अख्तियार किये बैठी है और एक धर्म की आड़ में दुहाई देगी हिन्दू होने की .

हिन्दू सभ्यता का सबसे बड़ा कातिल अगर कोइ है तो वो ये ही हैं .

अभी और लिखते लेकिन चिखुरी उठ गये , मद्दू पत्रकार एक नई खबर लाये है . आश्रम में दोलाख की एक गाडी अभी जला दी गयी है


No comments:

Post a Comment