Monday, August 21, 2017

चिखुरी चिचिआने / चंचल
जब पाखण्ड के आतंक से समाज न  जूझ पाए
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   नवल उपधिया का कहना है ,- नाला पार पसिआने में दो औरतों का बाल काट दिया बा , और उ दोनों बेहोश अस्पताल में पडी हैं .
बार कटवा . पूर्वी उत्तर प्रदेश से  बढ़ते बढ़ते  पश्चिम की तरफ जा रहा है .जाहिर है उसी अनुपात में नमक मिर्च भी बढेगा . समाज में दहशत है . कयूम मिया के पास गंभीर इलाज है
' औरतें गर बाल छिलवा लें तो जान रहें कहें मगर यह तांता ही ख़त्म समझो . न रहेगा बांस , न बजेगी बासुरी .लखन कहार ने पूछा - तो जे केवल औरतों का ही कट  रहा है , मर्दों का नही ?
उमर दरजी ने टुकडा जोड़ा - जेकरा रही , उही का कटी न / कि लाल साहेब क कटी जे बर बख्त सफाचट रहते हैं . कोलई दुबे नई कहानी के साथ पेश हुए . पाकिस्तान की तरफ से अंग्रेजी
प्लास्टिक क काला भंवरा छोड़ा गया है और वह रात में उड़ता है औरतों को तलाश कर उन पर हमला करता है , छेदी बो ने अपनी आँखन देखी बताय रही हैं तमाम भीड़ जुटी है .गिरी ओझा
झाड फूंक में लग गये हैं . केसरिया कपड़ा से तन धको , कोइ असर नही होगा . कीन उपधिया ने तस्दीक किया - बात तो बिलकुल सही है . जन्तर मंतर में बहुत बल होता है रंग का बहुत असर होता है . उस दिन नही देखा अब अस्पताल के बिस्तर भी भगवा रंग में होंगे .गोरखपुर अस्पताल की नई सजावट नही देखा ? कीन की बात को नवल ने बीच में ही रोक दिया - गेरुआ रंग देख के कीड़ा मकोड़ा चूहा मच्छर सब भाग जाते हैं अब देखो अब तो जो बुलेट ट्रेन आय रही हैं उसके अंदर की रंगाई पोताई भी केसरिया रंग में है . जा रे जमाना ! कितना आसान इलाज्खोज निकाला इस सरकार ने .
बहुत देर तक चुप बैठे भिखई मास्टर ने एक छोटा सा सवाल पूछा -येसी वारदातें इसी मुल्क में होती हैं या दुसरे मुल्कों में भी ऐसा होता है ?
सवाल कठिन था , जाहिर है चुप्पी का फैलना .क्यों की इनमे से कोइ भी इस मुल्क के बाहर जाने की सोच भी नहीं सकता न ही उस तरह की पढाई लिखाई की है .सवाल का एक छोर
मद्दु पत्रकार ने कीन उपधिया की और उछाला - कीन बता सकते हैं विदेश के बारे में , काहे से की आज ये सरकारी पार्टी के गहरे सदस्य हैं और हर तीन घंटे बाद इनका प्रधान मंत्री
विदेश चला जाता है . सो विदेश की जानकारी कींन  को ज्यादा है . कीनसंजीदा हो गये . खैनी मले , सुरती ठोंके फिर मुह खोले - दुनिया में बहुत कम देश ऐसे हैं जहां ये सब अनोखी चीजें
मिलती हों हमारे प्रधानमंत्री जी यही तो बोलते हैं की दुनिया में सबसे कमाल के देश हैं . अचानक चिखुरी चीखे - चोप्प ! तब से बक बक किये जा रहा है , ससुरो तुमलोगों ने देश को कबाड़ा
बना कर छोड़ दिया है . रोयेंगी आने वाली नस्लें . गणेश को  दूध पिलाओ .अत्तर के हनुमान , गणेश सब दूध पीने लगे . भागे रे मुहनोच्वा आवा बा . अकेले जौनपुर में सौ के उपर लोग मारे गये तुम्हारी नालायकी के चलते . कितने विक्षिप्त , पागल , गजेडी . भिखमंगे मुह नोच्वा इ नाम पर मारे गये . नेवादा में रात में ट्रेन रुकी एक फौजी नीचे उतरा शराब के नशे में था . लोगों ने घेर कर मार डाला , मुकदमा आज तक चल रहा है . गलती जनता की नही थी . प्रतिनिधि था , सांसद था , बेदान्ती . घूम घूम कर भाषण दिया है मोह नोचावा के बारे में . अफवाहों के उस्ताद हो , अभी तुम्हारा एक जिम्मेदार नेता बोल रहा है मन्त्र से चीन की सेना को भगा देंगे . यही तो सोमनाथ मंदिर में किया था , मूढ़ता का तुम्हारा पुराना इतिहास है .विदेशी  लुटेरे  आ रहे हैं
साधू सन्यासी मन्त्र पढ़ रहे हैं . मन्त्र मार देगा लुटेरों  को . नतीजा अन्दिर ही नही लुटा , समूचा देश लुट गया . हम गुलामी की नीव डाल बैठे . आज फिर उसी और मुल्क को ले जा रहे हो . इसे रोकना पडेगा . वैज्ञानिक सोच की बुनियाद पर पंडित नेहरु ने जिस समाज की संरचना की शुरुआत की है अगर उसे हमने छोड़ा तो हम कहीं के नहीं रहेंगे .
       पढ़े लिखे लोंगों की जिम्मेवारी  है की वे इस तरह के दकियानूसी अफवाहों से समाज को मुक्त करें .
'सटीक ' कह कर नवल ने साइकिल उठा लिया -
  मिर्जापुर कैल गुलजार हो . कचौड़ी गली सून कैल बलमू

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