Friday, January 22, 2016

चिखुरी / चंचल
चलो स्टार्ट किया जाय
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      '..... बैताली क नाती ,ससुरा गले तक कर्जा में डूबा है ,मुला हरकत से बाज नहीं आता . पूरा परवार अपने को रामायणी कहता है ,साधू संतों को बुला बुला कर खातिरदारी  करता है, देसी घी की पूड़ी छंनव्वायेगा और ससुरा अपना परिवार मकुनी की रोटी पर रात काट लेगा . पूजा पाठ का सौकीन है इसलिए राजनीति में वह कीन उपाधिया के साथ है . कहते हैं कि जब से देश में कीन की पार्टी सरकार में आयी है , कीन  पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों का प्रचार उतनी तेजी से करते हैं जितने मन से जेटली नहीं करते होंगे . और करना कुछ नहीं होता बस दुपहरिया में जब चौराहा सुनसान हो जाता है लाल साहेब के चाय की दूकान बरामदे से उठ कर शटर के अंदर हो जाती है , बोफोर्स नाई की न्यू बाम्बे शैलूँन जो नीम के पेड़ से लटके शीशे के नीचे पडी वजनदार कुर्सी पे चलता है , शीशे का मुह घुमा कर पलट दिया जाता है और किस्बत लेकर बोफोर्स अपने घर दाना पानी लेने चला जाता है तो इसी एन मौके पर कीन बहादुर परधान क तख्ता लाकर चौराहे पर रख देते हैं .इसी बीच बैताली क नाती सतिराम अपना डीजे , भोंपा , बांस बाली लगा कर हेलो हेलो बोलने लगे तो समझ  जाइए डिल्ली से कोइ इस्कीम चल पडी है जिसे सबसे पहले कीन ने पाया है और आज उसी का प्रचार होगा . वही आज भी हो रहा है .
     दो बजते बजते , ज्यों ज्यों लोग बाजार की तरफ बढ़ना शुरू किये भोपे की आवाज भी बढ़ती गयी . तखत पर तीन पुजारियों के साथ सतिराम मैक से बोल रहा है - भाइयो और बहनों याद रखिये आज यहाँ चौराहे पर एक बहुत बड़ी सभा होने जा रही है ,इसमें सरकारी स्कीम बताया जायगा . उसके पहले फैजाबाद से पधारे बहुत बड़े संत कमंडल दास जी महराज सत्संग कहेंगे . एक बार जोर से बोलो भारत माता की .. तखत के सामने जुटे बच्चों ने अलग अलग सुर में बोले 'जय हो ' कई लोगों का ही हुआ . अब नंबर आया ' नाश ' होने का . सतिनारायं जोर से चीखा - म्लेच्छों का .. सामने आवाज आयी - जी हो . एक साधू से नहीं रहा गया एक लड़के के पीठ नीचे एक चिमटा दे मारा . .. लड़का बिल बिला  गया . दूसरे ने समझाया - बोलो नास हो . सतिराम बोला - धर्म का ... बच्चों ने दो गुनी आवाज में नारा दिये - नास हो . कमंडल दास ने दाढ़ी पर हाथ फेरा - कहाँ से ये हूस बच्चे पैदा हो गए भाई ? बंद करो यह नारे बाजी लाओ तब तक प्रवचन करता हूँ .
  कीन उपाधिया जब पहुंचे तब तक भीड़ भी आ चुकी थी , और प्रवचन ' ब्रिंदाबन ' की गोपियों तक पहुंचा था - बरसो घनस्याम इसी बन में .... फुदुक्की तेवारी को अपनी बिरादरी के घनश्याम तिवारी की याद हो गयी , बोफोर्स की कुर्सी पर कब्जा किये हरी तेली से फुदुक्की ने पूछ ही लिया - अपने तेवारी वाले घनश्याम की बात हो रही है का ? ऊ तो फरार चल रहा है .... एक एक करे लोग आते गए . दुकाने सजने लगी . उधर मैक पर सतिराम ने ऐलान किया भाइयो और बहनों ! लखन कहांर से नहीं रहा गया - ससुर बहिनों कहा है यहा ? सब भाइयो और भाइयो ही तो आये हैं . गनीमत थी यह आवाज तख़्त से दूर लाल्साहेब की दूकान तक ही रह गई लेकिन हंसी का फौवारा तो छूटा ही . कीन भांप गए लेकिन मसोस कर रह गए . सतिराम आगे बढ़ा - तो आप जिसका इन्तजार कर रहे थे वह छन आ गया है , हमारे प्रिय नेता पंडित शारदा प्रसाद उपाध्याय उर्फ कीन उपाध्याय आ चुके हैं अब आप के बीच हम का बोलेंगे , अब अपने प्रिय नेता  जी को सुनिए . और कीन शुरू हो गए - गमछे से मुह पोछा . आँख बंद करके किसी कि स्तुति किये फिर चालू हुए- बहनों और भाइयो ! समया अभाव क चलते हम बहुत कम बोलूंगा . अपनी सरकार ने आप लोंगो के लिए नयी स्कीम बनायी है स्टार्ट अप . अपनी कम्पनी खोल लो . तीन साल तक न कोइ सरकारी जांच होगी , न टैक्स लगेगा जितना मर्जी उतना कमा लो . इसे कहते हैं स्टार्ट अप . बस . धन्यवाद और सभा विसर्जित हो गयी . पब्लिक की राय जाना भी तो जरूरी होता है , सो कीन जनता में धंस गए .लेकिन लाल साहेब के दूकान में जमे चीड फाड़ करनेवालों से कैसे बच सकते थे . लेकिन जब तक कीन दूकान में पहुचते कई सवाल पहले से ही मुह बाए खड़े मिले - स्टार्ट उप की हिन्दी का होती है . ? पैदा होते ही हिंदी हन्दू हिन्दुस्थान चीखते रहे , सरकार में आते ही सारे चालू नारे अंगरेजी में फूटने लगे . मेक इंडिया , इंडिया टीम , अब स्टार्ट अप ? चिखुरी संजीदा हो गए - एक बात बताओ कीन ? यहाँ इतने लोग बैठे हैं , उमर दरजी हैं , कयूम मियाँ , लखन कहार हैं बोफोर्स नाई है , या तुम खुद अपने को ही लेलो , कोइ कम्पनी खोल सकते हो ? या कम्पनी का मतलब भी बूझते हो  ? जो हाल यहाँ इन सब की है यही पूरे देश की हैं . तो कम्पनी खोलेगा कौन ? कम्पनी वही खोलेगा जो जो अब तक कम्पनी खोलता रहा , उससे खेलता रहा , टैक्स की चोरी करता रहा काला धन जमा करता रहा , यह मौका उसे दिया जा रहा है कि नयी कम्पनी खोलो , तीन साल तक कोइ कुछ भी नहीं पूछेगा काले धन को इस कम्पनी का मुनाफ़ा दिखा कर सफ़ेद कर  लो . .. तीन साल बाद चुनाव है अगर चाहते हो कि आगे पांचसाल तक तुम्हे कमाई करने का मौक़ा मिले तो चुनाव में हमे उसी तरह जिताओ जैसे इस बार जिताए हो . नहीं तो सरकार बदलते ही तुम जानो तुम्हारा काम जाने . यह है स्टार्ट अप . इतना सुनते ही नवल उठ गए कीन को मुह बिराते हुए .  

1 comment:

  1. वाह रे स्टार्ट अप . इतना सुनते ही नवल उठ गए कीन को मुह बिराते हुए . बेहतरीन....... (y)

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