Tuesday, January 7, 2014

उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश की सरकार कब बनेगी ? 
चंचल 
         ... विषयान्तर में तीन उदाहरण देना चाहता हूँ . उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी , पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सालिग राम जायसवाल और उत्तर प्रदेश से ही आये केन्द्र में स्वास्थ्यमंत्री बने राज नारायण जी  का . डॉ सम्पूर्णा नन्द उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री थे और नारायण दत्त तिवारी विधायक . एक दिन तिवारी जी मुख्यमंत्री से मिले और बोले अल्मोडा में ऐ सड़क चाहिए . संपूर्णानंद जी ने कहा यह तो बहुत खुशी की बात है जाओ बनाओ . तिवारी जी ने कहा सरकार कुछ मदद करेगी ? डॉ संपूर्णानंद ने कहा बिलकुल मदद करेगी , तुम जिस सड़क को बनाओगे कोइ रोकेगा नहीं . और दूसरा जब सड़क  बन जाय तो हमें बताना कोइ मंत्री भेज  देंगे उसके उदघाटन के लिए . डॉ संपूर्णानंद अपने मजाकिया व्योहार के लिए सब में लोक प्रिय थे . अल्मोडा में ऐ सड़क बनी जिसके लिए नारायण दत्त तिवारी ने अपने कंधे पर पत्थर और मिट्टी ढोए . एक काम करने का तरीका यह था . दूसरा सुनिए -सालिग राम जायसवाल समाजवादी थे , इलाहाबाद के थे . डॉ लोहिया की मृत्यु के बाद समाजवादी आंदोलन जब बिखराव की तरफ बढ़ा तो बहुत सारे समाजवादी दिग्भ्रमित हो रहे थे कि किधर चलना है / उनमे से एक सालिग राम जायसवाल भी रहे . निहायत ईमानदार .लड़ाकू और प्रतिबद्ध . श्रीमति इंदिरागांधी ने जायसवाल जी को बुलाया और बोली कि बहुत हो चुका बाबू जी अब आप कांग्रेस में आ जाइये आपकी जरूरत है . और इंदिरागांधी ने उन्हें उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य मंत्री बना दिया . सूबे के दाक्रों का रेला लग गया 'मंत्री ' के यहाँ . सब की एक ही माग कि हमें अमुक हस्पताल में रखवा दीजिए . मंत्री जी का एक ही सुझाव - दरखास्त लिख कर लाये हो ? .. तो उसी के बगल में मेरी तरफ से आर्डर लिख दो मै दस्तखत कर देता हूँ . यह होता रहा . इ़क दिन स्वास्थ्य सचिव पूरी फ़ाइल लेकर आया और मंत्री जी को बताया कि ,मंत्री जी कैसे काम चलेगा कई हास्पिटल ऐसे हैं जहां दर्जनों डाक्टर पहुँच रहे है और कई हास्पिटल ऐसे हैं जहां डाक्टर हैं ही नहीं . मंत्री जी का दो टूक जवाब था - तो तुम किस लिए हो . इसे ठीक करना तुम्हारा काम है उसे ठीक करो .तीसरा उअदाहरण देखिये देश के स्वास्थ्य मंत्री बने राज नारायण जी . उनका वायदा था हर गाँव में डाक्टर मुहैया कराना . उन्होंने हर गाँव में मामूली से मानदेय और आवश्यक दवाओं के साथ स्वास्थ कर्मी बना दिये . सबसे मजेदार वाकया हुआ संसद में कांग्रेस प्रतिपक्ष में थी उधर स किसी ने नेता जी सवाल पूछा -स्वास्थ मंत्री जी ,देश की चिकित्सा व्यवस्था कैसी है ? राज नारायण जी ने ब हैसियत स्वस्थ मंत्री के बोलने खड़े हुए और लगे स्वास्थ विभाग की बखिया उधेड़ने . भूल गए की सरकार में हैं . किसी ने टोका कि आप यह क्या बोल रहे हैं ? नेता जी ने तुरत जवाब दिया -पचासोसाल से यह हाल हुआ है हम एक दिन में कैसे ठीक कर देंगे ?
        आज सवाल का जवाब सच में नहीं मिलता .मंत्री असलियत को ढकने के लिए बोरा कंधे पर रख कर चलता है .

1 comment:

  1. वो सच के बोझ से ऐसा दबा की टूट गया,
    लोग कहते हैं बे-अक्ल था, पीछे छूट गया।

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