Saturday, September 8, 2012

डॉ. कुरियन नहीं रहे.....
'अमूल ' और डॉ कुरियन एक दूसरे के पर्याय हैं . सारी दुनिया में . गुजरात और  दूध  उत्पादन का सबसे बड़ा क्षेत्र ? यह असंभव था . लेकिन एक शख्स ने यह कर दिखाया , उसका नाम है डॉ कुरियन . 'सफ़ेद क्रान्ति का आग्र्दूत . दूध की सहकारी व्यवस्था कैसी और कितनी कारगर होती है ? यह देखने के लिए सारी दुनिया से लोग आ रहें हैं . गुजरात के आनंद शहर में .गांधी दर्शन को केन्द्र में रखकर किया गया एक सफलतम प्रयोग .अगर कभी गुजरात के गाँव को देखने का मौक़ा मिले तो इस जुनूनको जरूर झांकिये गा जो डॉ कुरियन ने घर घर में दिए की तरह सजा गए हैं . गुरात पानी की किल्लत झेल्नेवाला सबसे बड़ा और भयावह सूबा है . कुवों के पानी का जलस्तर सबसे नीचे जा चुका है . लेकिन मेहनती गुजराती विशेष कर महिलाए 'सफेद्क्रान्ति की वाहक बनी मसाल जलाए रखा है . हर घर में भैस . हर गाँव में दूध का डिपो . गाड़ी आयेगी और दूध ले जायगी . इतना ही  नहीं अगर किसी के घर कोइ प्रयोजन है या शहर से कोइ सामान मग्वाना है तो पूर्व सूचना पर वही गाड़ी मुफ्त में पूरा सामान गाँव तक ले आयेगी . यह सब कुरियन की देंन है . विकेंद्रित अर्थव्यवस्था जो गांधी की मंशा थी वह यहाँ देखने को मिलती है .
       इसी अर्थव्यवस्था पर एक प्रसिद्ध फिल्म बनी थी . 'मंथन ' स्मिता पाटिल का प्रवेश था , गिरीश कर्नाड , अनंत नाग , कुलभूषण खरबंदा ,नशीरुद्दीन शाह . .. यादगार फिल्म . वह कुरियन नहीं रहे . नमन 

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