Tuesday, December 4, 2012

सुषमा स्वराज हमें अच्छी लगती हैं . मै क्या करूं ..
...... बहुत दिनों बाद , कल हमने संसद की कार्यवाही देखा . देखन जोगू . कार्यवाही का फिल्मांकन कर रहें कैमरा मैन का नाम नहीं देख पाया लेकिन उसने अच्छा काम किया . स्क्रीन पर बार बार तीन फ्रेम दे रहा था एक साथ . बीच में मीरा कुमार एक  तरफ सोनिया गांधी , दूसरी तरफ सुषमा स्वराज . सारी दुनिया के सामने हम यह कह सकते हैं कि देखो यह है भारत की संसद . महिलायें महज घर के इंतजामात तक ही महदूद नहीं है बल्की मुल्क के मुस्तकबिल का भी फैसला इनके हाथ में है .
         यह अवसर था , -  खुदरा व्यापार में  विदेशी निवेश का . भाजपा अड़ी थी कि धारा १८४ के तहत बहस के साथ मत विभाजन भी हो . संसद के अध्यक्ष श्री मती मीरा कुमार . नेता संसद सुशील कुमार शिंदे समेत सभी दल इस पर सहमत हो गए . लेकिन एनवक्त पर भाजपा मुकर गयी . भाजपा की ओर से यशवंत सिन्हा ने व्यवस्था का प्रश्न उठा कर समूची कार्यवाही को एक एक नया मोड़ दे दिया. इस मुद्दे पर तीस दिन का समय और दिया जाय . कांग्रेस बार बार चुनौती देती रही कि मत विभाजन की मांग आप की थी हम उस पर तैयार हैं . लेकिन भाजपा किसी भी तरह से तैयार नहीं दिखी . बहरहाल बहस् शुरू हुई .
      बहस की शुरुआत सुषमा स्वराज बहैसियत नेता प्रतिपक्ष ने की . बहस की शुरुआत अच्छी रही लेकिन अचानक सुषमा जी ने बहस को पीछे ढकेल दिया . जनसंघ के जमाने में चली गयी और आढतियों के समर्थनमे उतर आयी . किसान और आढतियों के बीच के ' मानवीय संबंधो ' की वकालत करने लगी . हमें बड़ी हैरानी हुई . आज भी भाजपा आढतियों के साथ खड़ी है ? मोटू ने कहा सुन रहें हो -   साहूकार किसी जरूरत मंद किसान को जब मदद करता है तो एवज में खाल तक खींच लेता है . हमने मोटू को समझाने की कोशिश की कि सुषमा जी इसी लिए तो अच्छी लगती हैं कि वे कभी कोइ भी बात राज नीति में गोपनीय नहीं रखती . यह भाजपा की नीति और नियति दोनों है . 

1 comment:

  1. Shayad jab we haryana me mantri thi to aapake chatra sangh ke chunav me bhasan dene gayee thi aur lanka gate BHU par aapake liye vot mange the

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