आओ लौट कर संजू ....
...... प्रिय संजू .
प्यार .
हम मिले नहीं . क्यों कि इस बीच तुम सियासत के एक दलाल अमर सिंह के चक्कर में फंस चुके थे . लेकिन हमारी सोच , हमारी नियति और हमारा जुडाव तुम्हारे साथ वैसा ही है जैसा पहले था यानी सुनील साहेब के रहते हुए . आज यह खत तुम्हे इस लिए लिख रहा हूँ कि तुम्हे अपने किये का प्रायश्चित तो करना ही है . लेकिन बच्चे ! याद रखना जेल बहुत अच्छी बशर्ते उसे सही ढंग से जियो . इसके लिए तुम्हे यह करना होगा कि सबसे पहले यह मान कर चलना कि तुम जेल में नहीं हो . तुमने अपनी मर्जी से एक जगह का चुनाव किया है कि हमें कुछ दिन यहां गुजारना है . बस . और समझा दूँ ? मेरे बच्चे ( यह संबोधन इस लिए है कि सुनील दत्त साहेब हमारे अच्छे दोस्तों में रहे हैं , कभी राज (बब्बर ) से पूछ लेना . ) थोरो को जब जेल में डाला गया तो उसने माना ही नहीं कि वह जेल में है . जेल एक मनोविज्ञान है उसे नकार दो बस . हस्ते खेलते वक्त गुजर जायगा . मनो विज्ञान समझा कि नहीं ? हम बताते हैं - एक दिन तुमने फैसला किया कि हम अपने कमरे में ही बन्द रहेंगे लेकिन उसकी चाभी हमारे पास ही होगी . तुम्हे यह एहसास रहेगा कि जब मर्जी होगी हम बाहर निकल लेंगे . तुम्हे कोइ दिक्कत नहीं होगी . लेकिन अगर कोइ तुम्हे एक कमरे में बन्द करके उसकी चाभी अपने पास रख ले तो तुम दो घंटे में ही घुटन महसूस करोगे . संजू यह ,मान कर चलना कि चाभी तुम्हारे पास है और तुम तीन साल बाद यहाँ से निकलो गे . बस .
अब यह तीन साल गुजारोगे कैसे ? उसे सुन लो . अपने माहौल से दोस्ती रखना . जेल का हर अधिकारी तुम्हारे परिवार का सदस्य है . उससे सलीके से पेश आना . वहाँ जितने छोटे बनोगे उतना ही बड़ा बनाता है जेल माहौल . सब को मोहब्बत करना . खूब पढाई करना . हम तुम्हे गांधी , लोहिया , नेहरू , आचार्य नरेंद्र देव की किताबे भेजेंगे . उन्हें गंभीरता से पढ़ना . खूब खेलना . थक जाना . रात बहुत अच्छी गुजरेगी . सुबह हस्ते हुए उठना . ' आपको क्या चाहिए ' पूछना . बहुत कुछ सीख कर मेरा बच्चा वापस आएगा . तप कर . संजू ! जब तक तुम लौटोगे तुम एक बहुत बड़े कलाकार हो कर लौटोगे . तुइ दूसरा नहीं होगा बच्चे म्हारे लिए एक स्क्रिप्ट तैयार रहेगी . मै लिख रहा हूँ .
जेल जाते समय कलम , लिखने का कागद जर्रोर्र रखना मेरे बच्चे . आखीर में बोल दूँ - आज तुमने इतिहास रच दिया है मेरे बच्चे एक ऐक्टर ऐसा है जिसके पास जिंदगी के सारे अनुभव हैं यहा तक कि जेल के भी और वह है संजू . संजू तुम्हे जो कुछ भी चाहिए हम मुहैया कराएगे .
सन्जो०ओ लौट कर आओ . तुम अकेले होगे . कोइ दूसरा नहीं होगा बच्चे .
चंचल
...... प्रिय संजू .
प्यार .
हम मिले नहीं . क्यों कि इस बीच तुम सियासत के एक दलाल अमर सिंह के चक्कर में फंस चुके थे . लेकिन हमारी सोच , हमारी नियति और हमारा जुडाव तुम्हारे साथ वैसा ही है जैसा पहले था यानी सुनील साहेब के रहते हुए . आज यह खत तुम्हे इस लिए लिख रहा हूँ कि तुम्हे अपने किये का प्रायश्चित तो करना ही है . लेकिन बच्चे ! याद रखना जेल बहुत अच्छी बशर्ते उसे सही ढंग से जियो . इसके लिए तुम्हे यह करना होगा कि सबसे पहले यह मान कर चलना कि तुम जेल में नहीं हो . तुमने अपनी मर्जी से एक जगह का चुनाव किया है कि हमें कुछ दिन यहां गुजारना है . बस . और समझा दूँ ? मेरे बच्चे ( यह संबोधन इस लिए है कि सुनील दत्त साहेब हमारे अच्छे दोस्तों में रहे हैं , कभी राज (बब्बर ) से पूछ लेना . ) थोरो को जब जेल में डाला गया तो उसने माना ही नहीं कि वह जेल में है . जेल एक मनोविज्ञान है उसे नकार दो बस . हस्ते खेलते वक्त गुजर जायगा . मनो विज्ञान समझा कि नहीं ? हम बताते हैं - एक दिन तुमने फैसला किया कि हम अपने कमरे में ही बन्द रहेंगे लेकिन उसकी चाभी हमारे पास ही होगी . तुम्हे यह एहसास रहेगा कि जब मर्जी होगी हम बाहर निकल लेंगे . तुम्हे कोइ दिक्कत नहीं होगी . लेकिन अगर कोइ तुम्हे एक कमरे में बन्द करके उसकी चाभी अपने पास रख ले तो तुम दो घंटे में ही घुटन महसूस करोगे . संजू यह ,मान कर चलना कि चाभी तुम्हारे पास है और तुम तीन साल बाद यहाँ से निकलो गे . बस .
अब यह तीन साल गुजारोगे कैसे ? उसे सुन लो . अपने माहौल से दोस्ती रखना . जेल का हर अधिकारी तुम्हारे परिवार का सदस्य है . उससे सलीके से पेश आना . वहाँ जितने छोटे बनोगे उतना ही बड़ा बनाता है जेल माहौल . सब को मोहब्बत करना . खूब पढाई करना . हम तुम्हे गांधी , लोहिया , नेहरू , आचार्य नरेंद्र देव की किताबे भेजेंगे . उन्हें गंभीरता से पढ़ना . खूब खेलना . थक जाना . रात बहुत अच्छी गुजरेगी . सुबह हस्ते हुए उठना . ' आपको क्या चाहिए ' पूछना . बहुत कुछ सीख कर मेरा बच्चा वापस आएगा . तप कर . संजू ! जब तक तुम लौटोगे तुम एक बहुत बड़े कलाकार हो कर लौटोगे . तुइ दूसरा नहीं होगा बच्चे म्हारे लिए एक स्क्रिप्ट तैयार रहेगी . मै लिख रहा हूँ .
जेल जाते समय कलम , लिखने का कागद जर्रोर्र रखना मेरे बच्चे . आखीर में बोल दूँ - आज तुमने इतिहास रच दिया है मेरे बच्चे एक ऐक्टर ऐसा है जिसके पास जिंदगी के सारे अनुभव हैं यहा तक कि जेल के भी और वह है संजू . संजू तुम्हे जो कुछ भी चाहिए हम मुहैया कराएगे .
सन्जो०ओ लौट कर आओ . तुम अकेले होगे . कोइ दूसरा नहीं होगा बच्चे .
चंचल