tag:blogger.com,1999:blog-1077203477889755275.post1737060935244802651..comments2023-05-02T02:39:11.312-07:00Comments on chanchal: chanchalhttp://www.blogger.com/profile/00415261934261332699noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1077203477889755275.post-1137917826157397612012-11-05T20:27:55.641-08:002012-11-05T20:27:55.641-08:00मै समझता हूँ की राजनीतिक दलों को देखने से पहले हम ...मै समझता हूँ की राजनीतिक दलों को देखने से पहले हम अपने देश के साछरता पर ध्यान दे आज भी देश की लगभग 80% महिलाये कानून को भली भाती नहीं जानती क्यूकी उन्हें इस पुरुष प्रधान देश में सिर्फ पारिवारिक परवरिश के कानून ही सिखने को मिलता है । और तो और वो भी वोट देती है। सरकार चुनती है उन्हें क्या पता की सरकार के नेता रूपी अफसर देश को किस प्रकार लूट रहे है। वो तो तब समझती है जब उन्हें समाज में हो रही गतिविधियों का खुलाशा होता है। तब जो जैसा कहता है तब वो वैसे ही प्रतक्रिया देती है ।<br />इसलिए हम सभी को प्रथम देश के सभी नागरिक को साछर बनाने के लिए ही प्रयत्न करना चाहिए। और सभी को भली भाती देश के कानून व्यवस्था का ज्ञान दिलाना चाहिए ।<br />रही बात कांग्रेस दल की तो इसमें कुछ ऐसे वीर भी थे जो देश के वाश्ते जान भी दिए है| हमे उन्हें याद करना चाहिए न की पार्टी के मौजूदा तंत्र व्यवस्था को । क्यूंकि यह हम जनता पर ही निर्भर है की लोकतंत्र में कौन सा दल रहेगा ।<br />गंगेश चौबे Gangesh chaubeyhttps://www.blogger.com/profile/05704853813006125672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1077203477889755275.post-80990800329725147702012-11-05T00:59:00.223-08:002012-11-05T00:59:00.223-08:00 सर , काँग्रेस का इतिहास कुछ हद तक मुझे पता है ...... सर , काँग्रेस का इतिहास कुछ हद तक मुझे पता है .... बात सिर्फ काँग्रेस के अंदर भ्रष्टाचार और अनिमित्ताओं की ही नहीं है ...सबसे बड़ा सवाल और डर दोनों ही काँग्रेस की दिशाहीनता और उसके लगातार तेजी से गिरते स्तर को लेकर है .....और उससे भी बड़ा डर ये है की काँग्रेस नहीं तो फिर कौन ??? कोई भी पार्टी पाक साफ नहीं है ...सत्ता मिलने पर सब एक सी हो जाती हैं बल्कि और भी ज्यादा भ्रष्ट ( केजरीवाल की बात मै अभी नहीं करूंगी क्योंकि उसका तो नाम तक अभी तय नहीं है लेकिन फिर भी इससे कुछ आस तो जरूर लोगों मे जागी है ) । एक और डर ये है की अगर कोई दूसरी पार्टी आती है और वो सफल न हो पाये तब तो काँग्रेस मे डंके की चोट पर वो सब कुछ होगा जो आज पर्दे के पीछे हो रहा है । <br /><br />हो सकता है की नेहरू जी का कार्यकाल भ्रष्टाचार से मुक्त रहा हो पर उनकी नीतियों और कुछ हद तक अनदेखी को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता ..... वैसे भी मै व्यक्तिगत तौर पर नेहरू जी का बहुत अधिक सम्मान नहीं कर पाती .... खैर , और इन्दिरा जी .....वो तो स्वतंत्र भारत के तानाशाह प्रधानमंत्रित्व की इकलौती उदाहरण हैं ...उनकी ही देने आज तक भारत के सरकारी और राजनैतिक तंत्र मे रुधिर की तरह मौजूद है ।<br /><br />पूरी विनम्रता से माफी मांगते हुए मै एक बात और कहना चाहूंगी की सबसे कम भ्रष्ट होना कोई मान्य और स्वीकर्य नैतिक तर्क नहीं हो सकता ।<br />Archanaa Razhttps://www.blogger.com/profile/14954799329695606765noreply@blogger.com